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साकेत बार की हड़ताल: पुलिस की मनमानी के खिलाफ वकीलों का तीखा विरोध

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नई दिल्ली,

साकेत कोर्ट परिसर से रिपोर्ट साकेत कोर्ट के वकीलों ने एक बार फिर न्याय व्यवस्था में व्याप्त असंतुलन और पुलिस के रवैये के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। इस बार मुद्दा गंभीर है—पुलिस की मनमानी और वकीलों की शिकायतों की लगातार अनदेखी। हाल ही में एक वकील ने अपने घर के आसपास हो रही अवैध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दी। लेकिन ना केवल पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया, बल्कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस स्वयं उस अवैध कार्य से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लाभान्वित हो रही थी।

वहीं दूसरी ओर, यदि कोई मामूली सी बात भी किसी पुलिसकर्मी के साथ हो जाए तो बिना देर किए, दो मिनट के भीतर FIR दर्ज हो जाती है—वो भी वकीलों की बात सुने बिना। इस दोहरे मापदंड को लेकर वकीलों में गहरा रोष है। कोर्ट परिसर में दिए गए बयानों के अनुसार, “हम न्याय के रक्षक हैं, लेकिन जब हमें ही न्याय नहीं मिलेगा, तो आम जनता का क्या होगा?” वकीलों का आरोप है कि पुलिस कानून के दायरे में रहकर कार्य नहीं कर रही, बल्कि व्यक्तिगत स्वार्थ और दबाव में काम कर रही है।

वकीलों ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी नियमों के खिलाफ जाकर अवैध गतिविधियों को संरक्षण दे रहे हैं।

मांगें स्पष्ट हैं: वकीलों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए।

FIR दर्ज करने में पक्षपात न किया जाए। ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो जो कानून की अवहेलना कर रहे हैं। क्या कहती है बार एसोसिएशन? बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा है कि जब तक इस मुद्दे पर पुलिस प्रशासन से स्पष्ट और संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता, तब तक विरोध जारी रहेगा। इस मामले को लेकर एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें घटनाक्रम को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। वीडियो में वकील अपनी शिकायत रखते हुए दिख रहे हैं और यह साफ तौर पर झलकता है कि पुलिस उनकी बात को गंभीरता से नहीं ले रही।

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Author: vidhipaksh

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