Home » सामाजिक मुद्दे » “हरियाली की कब्रगाह बना शाहदरा: पेड़ों की बलि, निर्माण का जश्न”

“हरियाली की कब्रगाह बना शाहदरा: पेड़ों की बलि, निर्माण का जश्न”

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram

कबूल नगर में अवैध निर्माण और पेड़ कटाई पर 32 अधिकारियों को भेजी गई कानूनी शिकायत
रिपोर्ट: विशेष संवाददाता, दिल्ली

दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठाने के दावे करती रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ताजा मामला राजधानी के शाहदरा स्थित कबूल नगर इलाके का है, जहां एक बड़े भूखंड पर कथित रूप से सत्ता संरक्षण में न सिर्फ कई दशक पुराने पेड़ों को काट दिया गया, बल्कि उस जगह पर बिना किसी वैध अनुमति के तेजी से अवैध निर्माण भी शुरू कर दिया गया।

इस भूखंड की लोकेशन है 1/5932, कबूल नगर, शाहदरा के ठीक बगल में। यह स्थान कभी एक हरा-भरा इलाका था, जहां 20 से 25 वर्षों पुराने वृक्ष खड़े थे – संभवतः पीपल और नीम जैसे पवित्र व संरक्षित वृक्ष। लेकिन अब, वहां केवल मलबा, एक विशाल कटे पेड़ का तना, और तेज़ी से उगती ईंट-पत्थर की दीवारें नजर आ रही हैं।

इस पूरे मामले का खुलासा वरिष्ठ अधिवक्ता और पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ. अजय कुमार जैन द्वारा किया गया है। उनके अनुसार, “यह न केवल एक पर्यावरणीय अपराध है, बल्कि कानून और शासन तंत्र के प्रति खुली अवहेलना भी है।” डॉ. जैन ने इस गंभीर उल्लंघन पर दिल्ली सरकार, केंद्र, और 32 संबंधित अधिकारियों/विभागों को विस्तृत कानूनी शिकायत भेजी है।

शिकायत में बताया गया है कि न तो किसी प्रकार की सार्वजनिक सूचना दी गई, न ही वृक्ष कटाई की कोई अनुमति ली गई, न ही कोई मुआवज़ा वृक्षारोपण किया गया। इसके बावजूद, पूरी तरह से संरक्षित भूमि को साफ कर अवैध निर्माण शुरू कर दिया गया, जो कि दिल्ली संरक्षण वृक्ष अधिनियम, 1994, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का सीधा उल्लंघन है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पूरा निर्माण और पेड़ कटाई का कार्य स्थानीय प्रशासन की आंखों के सामने हुआ, लेकिन न तो कोई रोकथाम की गई और न ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इस कथित अवैध निर्माण में क्षेत्रीय विधायक और निगम पार्षद की भूमिका को लेकर संदेह जताया जा रहा है।

शिकायतकर्ता के अनुसार, “स्थानीय पार्षद का नाम कथित तौर पर पंकज लूथरा बताया जा रहा है, जिनके संरक्षण में यह सारा कृत्य किया गया।” यदि यह सत्य है तो सवाल उठता है कि क्या दिल्ली सरकार में खुद उनके प्रतिनिधि ही पर्यावरणीय नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं?

सरकार की कथनी और करनी पर सवाल
एक तरफ सरकार “ग्रीन दिल्ली” के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, दूसरी तरफ उन्हीं के प्रतिनिधियों के इलाकों में पेड़ों की बलि दी जा रही है और धड़ल्ले से निर्माण कार्य हो रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या सरकार को अपने ही लोगों पर अंकुश लगाने की शक्ति नहीं है या फिर यह मौन स्वीकृति है?

*”सरकार के अभियान कागज़ों तक सीमित हैं, जमीनी स्तर पर जंगल कट रहे हैं, इमारतें उग रही हैं।”

डॉ. अजय जैन ने अपनी शिकायत में मांग की है कि:

तत्काल FIR दर्ज की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए,

अवैध निर्माण पर तुरंत रोक लगाई जाए,

1:10 अनुपात में वृक्षारोपण करवाया जाए जैसा कि NGT दिशानिर्देशों में उल्लेखित है,

पर्यावरण क्षतिपूर्ति व दंडात्मक कार्रवाई की जाए,

और इस पूरे मामले में लिप्त अधिकारियों/नेताओं की भूमिका की स्वतंत्र जांच कराई जाए।

शिकायत के साथ उन्होंने सेटेलाइट इमेज, स्थल के फोटो, और जियो-लोकेशन मैप भी संलग्न किए हैं, जिससे साफ़ पता चलता है कि किस प्रकार यह हरियाली कुछ ही दिनों में मिटा दी गई।

अब सवाल यह है:
क्या दिल्ली की जनता सिर्फ भाषणों और पोस्टरों की “ग्रीन नीति” से संतुष्ट हो जाएगी?
क्या सरकार इस मुद्दे पर कार्रवाई करेगी या यह शिकायत भी अन्य शिकायतों की तरह “फाइलों की कब्रगाह” में गुम हो जाएगी?
क्या सरकार अपने ही विधायकों और पार्षदों से जवाबदेही तय कर पाएगी?

 “जब शासनकर्ता ही पर्यावरण के भक्षक बन जाएं, तब न्याय की उम्मीद नागरिकों को अदालतों और एक्टिविस्टों से ही करनी पड़ती है।”

vidhipaksh

Author: vidhipaksh

Leave a Comment

vidhipaks हिंदी के साथ रहें अपडेट

सब्स्क्राइब कीजिए हमारा डेली न्यूजलेटर और पाइए खबरें आपके इनबॉक्स में

और खबरें

अपराध मुक्त समाज के लिए स्कूलों में कानूनी शिक्षा और कानून स्नातक शिक्षक की उपलब्धता अनिवार्य हैं

16.9.25 और 18.9.25 को सरकारी सर्वोदय कन्या विद्यालय जनकपुरी और केंद्रीय विद्यालय सेक्टर 8 रोहिणी के 300 से अधिक लड़कियों

स्कूलों में कानून विषय की शिक्षा ही समाज को अपराध मुक्त बनाने का एक स्थाई पासवर्ड हैं

दिल्ली पुलिस की साइबर जागरूकता और कानूनी शिक्षा पहल: आधुनिक भारत में बालिकाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण की दिशा में

38 वर्षों की अद्वितीय शैक्षिक यात्रा का अवसान : प्राध्यापिका ममता शर्मा का विदाई समारोह

  नई दिल्ली, यमुनाविहार। “जीवन में आने वाली चुनौतियों को अवसरों में बदल दीजिए, वही आपकी सफलता की सीढ़ी बनेगी।”

“स्कूलों में लीगल स्टडीज़ विषय अनिवार्य करने की मांग तेज़ – अपराध मुक्त समाज की दिशा में पहल”

नई दिल्ली:दिल्ली में अपराध रोकथाम और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। समाजसेवी और

error: Content is protected !!