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“सिस्टम सड़ा है या साजिश रची गई है?” — दक्षिण दिल्ली में MCD का भ्रष्टाचार और जनता की जान से खिलवाड़!

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स्थान: जवाहर पार्क, खानपुर, नई दिल्ली
वार्ड नंबर: 167
मुद्दा: भ्रष्टाचार, अवैध निर्माण, फर्जी एटीआर, MCD की मिलीभगत

जहाँ एक ओर दिल्ली की सरकारें स्मार्ट सिटी और “जनता की सेवा” का दावा करती हैं, वहीं दूसरी ओर सच्चाई जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। ताजा मामला एमसीडी साउथ जोन भवन विभाग-II के अंतर्गत वार्ड नंबर 167 खानपुर का है, जहां एक अवैध निर्माण ए-94, ऑपोजिट तिलक मेडिकोज, जवाहर पार्क, खानपुर पर शिकायतों के बाद एमसीडी ने डिमोलिशन की कार्रवाई की।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
यहीं से शुरू होता है असली खेल — घूसखोरी, दबाव और फर्जीवाड़े का।

✅ आरोप क्या हैं?

जानकारी के अनुसार, MCD के जूनियर इंजीनियर ने कथित रूप से बिल्डर अरुण से डील की —
🔹 पाँच लाख रुपये रिश्वत
🔹 चार बेलदार (राकेश, सुरजीत, रवि, संजय) को बैंकॉक ट्रिप
और इसके बदले में डिमोलिशन की गई बिल्डिंग की फाइल दबा दी गई और एक फर्जी एटीआर (Action Taken Report) लगाकर केस बंद कर दिया गया।

❗ सवाल बेहद गंभीर हैं:

1. अगर कल को ये बिल्डिंग गिरती है और लोगों की मौत होती है, तो क्या ये MCD अधिकारी जिम्मेदार होंगे?

2. क्या किसी सरकारी कर्मचारी का कर्तव्य केवल घूस खाना रह गया है?

3. जनता की सुरक्षा और कानून का पालन करवाने के लिए बने विभाग खुद अपराधियों की तरह व्यवहार करेंगे तो न्याय कौन देगा?

4. क्या MCD के बड़े अफसर इस पूरे भ्रष्टाचार से अनजान हैं या मौन सहमति दी हुई है?

 

📢 जनता पूछ रही है —

क्या सिर्फ कागजों पर कार्रवाई दिखाकर इन अधिकारियों की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है? क्या रिश्वतखोरी और जमीनी भ्रष्टाचार को दिल्ली की नियति मान लिया गया है?

👁‍🗨 “ब्लैक मनी से बनी इमारतें, सफेद चादर में लिपटे शव”

खास बात यह है कि इस क्षेत्र में पहले भी अवैध निर्माण के कारण जानलेवा हादसे हो चुके हैं। कई गरीबों की जानें गईं, लेकिन अफसरों का ज़मीर नहीं जागा। दक्षिणी दिल्ली की गलियों में ये भ्रष्ट सिस्टम अब खुलेआम कह रहा है —
“पैसा दो, सब ठीक हो जाएगा।”

🧾 मांग:

👉 इस पूरे प्रकरण की CBI या Vigilance जांच करवाई जाए।
👉 अवैध निर्माण को तत्काल सील किया जाए।
👉 रिश्वतखोर इंजीनियरों और बिल्डर पर FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।
👉 विभागीय अधिकारियों की संपत्ति और आय की जांच कर लोकपाल में रिपोर्ट सौंपी जाए।

अब फैसला जनता के हाथ में है — क्या हम इस भ्रष्ट व्यवस्था को यूँ ही बर्दाश्त करते रहेंगे?
या आवाज उठाएंगे ताकि कल को किसी की जान न जाए?

Source of this article is link below :

https://x.com/Prerna_Ek_Disha/status/1942860608585560482?t=Yn9XGFJ6MzsiYslPVgeAJg&s=08

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Author: vidhipaksh

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