आज उत्तर पूर्वी लोकसभा यमुना विहार पर सांसद मनोज तिवारी ने आपातकाल को बताया काला दिवस व संविधान की हत्या। इस मौके पर उत्तर पूर्वी जिला अध्यक्ष डॉ यू के चौधरी नवीन शाहदरा जिला अध्यक्ष मास्टर विनोद कुमार निवर्तमान जिलाध्यक्ष पूनम चौहान आनंद त्रिवेदी मीडिया प्रभारी दीपक चौहान व विभिन्न संस्थानों से आये युवा मौजूद रहे।। मनोज तिवारी ने कहा आपातकाल के 50 वर्ष पूरे हो चुके है और इसको भारत का काला दिवस भी कहा जाता है। तत्कालीन सत्ताधारी कांग्रेस ने 25 जून 1975 आपातकाल की घोषणा करो संविधान की हत्या करने का काम किया था। आज जो युवा पीड़ी है जिनका उसवक़्त जन्म भी नही उनको ये पता होना चाहिए कि कैसे कांग्रेस ने संविधान कि हत्या करने का काम किया था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सलाह पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने 25 जून 1975 को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की।
मनोज तिवारी ने बताया इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति का प्रतीक था और इसे लागू करना इतिहास का काला दिन था। ’25 जून, 1975 एक ऐसी तारीख है, जिसे हम सभी आपातकाल लागू करने के लिए याद करते हैं। इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास में काला दिन कहा जाता है।’
कांग्रेस द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाई गई थीं। हम सब कांग्रेस के कुकृत्यों को देश की जनता तक पहुंचाने का काम करेंगे। लाखों लोगों को जेल में डाला गया और कांग्रेस ने यह सब सिर्फ अपने नेता की कुर्सी बचाने के लिए किया।

“नशे में धुत आरोपी कोर्ट की दहलीज़ पर, व्यवस्था खामोश — न्यायालय की गरिमा और सरकार की नीतियों पर सीधा सवाल!”
देश में नशे को लेकर बड़ी-बड़ी बातें तो खूब होती हैं—“बुरी लत है”, “सामाजिक समस्या है”, “युवा पीढ़ी बरबाद हो




